Title | : | Ruskin Bond Ki Paanch Superhit Kahaniyan |
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Author | : | Ruskin Bond |
Release | : | 2024-06-26 |
Kind | : | ebook |
Genre | : | Short Stories, Books, Fiction & Literature |
Size | : | 617253 |
"मुझे वह काम करना बुरा नहीं लगेगा।’’ मैंने उसकी बात का विरोध किया। ‘‘लेकिन वे लोग तुम्हें पेट भर खाने को भी नहीं देंगे। सिर्फ कीड़ोंवाले चावल देंगे और अगर तुम ठीक से काम नहीं करोगे तो तुम्हें गोली मार देंगे।’’ ‘‘ऐसा तो वे फौजियों के साथ करते हैं।’’ मैंने कहा, ‘‘हम तो सिविलियंस (आम नागरिक) हैं।’’ वे सिविलियंस के साथ भी ऐसा करते हैं।’’ सोनो ने कहा। मेरे पिताजी और मैं बटाविया में क्या कर रहे थे, जब हमारा घर पहले भारत में और फिर सिंगापुर में था? पिताजी रबर का व्यापार करनेवाली एक फर्म में काम करते थे और छह महीने पहले उन्हें एक डच कंपनी के साथ साझेदारी में नया ऑफिस खोलने के लिए बटाविया भेजा गया था। हालाँकि मैं बच्चा था, फिर भी मैं उनके साथ हर जगह जाता था। मेरी माँ की मृत्यु तभी हो गई थी, जब मैं बहुत छोटा था और तब से पिताजी ने हमेशा मेरा खयाल रखा था। युद्ध की समाप्ति के बाद वह मुझे इंग्लैंड ले जाने वाले थे। ‘‘क्या हम युद्ध जीतने वाले हैं?’’ ‘‘ऐसा लगता तो नहीं है।’’ उन्होंने जवाब दिया। —इसी पुस्तक से रस्किन बॉण्ड लेखन में अपने आस-पास के लोग, परिस्थितियाँ, परिवेश ऐसे गूँथते हैं कि पाठक उससे बँध जाता है और वह कहानी-कथानक उसे अपनी ही गाथा लगने लगती है। जीवन की छोटी-से-छोटी घटना को एक मजेदार कहानी गढ़ देने में रस्किन बॉण्ड सिद्ध हैं। उनकी बेहद लोकप्रिय एवं पठनीय कहानियों का संग्रह।" |